User:Ramashankar
सतना। चित्रकूट के जिस राघव प्रयाग घाट में भगवान श्रीराम ने अपने पिता दशरथ का पिंडदान किया था। मंदाकिनी तट स्थित उसी राघव प्रयाग घाट में सिने जगत के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने अपनी मां तेजी बच्चन की अस्थियां विसर्जित की थी। 2008 में अपने बेटे अभिषेक बच्चन बहू ऐश्वर्या राय और तब के सपा नेता अमर सिंह के साथ चित्रकूट पहुंचे थे। तब अमर सिंह ने बताया था कि अमिताभ बच्चन का मानना है कि जहां से प्रभु श्री राम के पिता दशरथ की आत्मा को शांति मिली थी। उसी धर्म नगरी में वे अपनी मां की अस्थियों का विसर्जन करेंगे। https://m.patrika.com/satna-news/amitabh-bachchan-and-chitrakoot-connections-1896063/ मौन थे अमिताभ, नम थी ऐश्वर्या की आंखें चित्रकूट स्थित पुण्य सलिला मंदाकिनी में अस्थि विसर्जन करने पहुंचे अमिताभ पूरे वक्त मौन थे। वहीं अस्थि विसर्जन के दौरान ऐश्वर्या राय की आखें नम थी। अभिषेक का चेहरा भाव शून्य था। इस परिवार की ओर से बातों की जिम्मेदारी अमर सिंह निभा रहे थे। विदेश से भी आतें है लोग अस्थि विसर्जन करने मां मंदाकिनी में अस्थि विसर्जन से सीधे मोक्ष मिलने की बात जग जाहिर है। ऐसे में विदेशी भी मोक्ष की कामना से अपने पितरों का तर्पण करने यहां आते हैं। 2011 में कैलिफोर्निया की दो बहनें सीता एवं नारायणि अपने पिता रेवतीनाथ की अस्थि विसर्जित करने चित्रकूट आई थी। इसलिए करते है चित्रकूट में पिंडदान वनवास मिलने के बाद प्रभु श्रीराम जब अपने कर्म-भूमि चित्रकूट में पहुंचे तो उन्हें जब अपने पिता दशरथ की मृत्यु का समाचार मिला तो वे व्याकुल हो गए। चित्रकूट की तपोभूमि में तब ऋषियों ने उन्हें मंदाकिनी में पिंडदान के महत्व की जानकारी दी। बताया कि यहां का पिंंडदान गया में किए गए पितरों के तर्पण के बराबर होता है। तब प्रभु श्रीराम नें मंदाकिनी नदी के राघव प्रयाग घाट पर पिता दशरथ का पिंडदान किया। तब से लगातार यहां पिंडदान किए जानें की मान्यता चली आ रही है।