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महामारी

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प्लैग महामारी का दृश्य

जब किसी रोग का प्रकोप कुछ समय पहले की अपेक्षा बहुत अधिक होता हो तो उसे महामारी कहते हैं। जैसे प्लेग, हैजा, चेचक आदि। मेनिंगोकोकल संक्रमणों में, लगातार दो हफ़्तों तक प्रति 100,000 लोगों पर 15 से ज़्यादा मामलों की आक्रमण दर को महामारी माना जाता है।[1][2]

महामारी किसी एक स्थान पर सीमित नहीं होती है। किन्तु यदि यह दूसरे देशों और दूसरे महाद्वीपों में भी पसर जाए तो उसे 'विश्वमारी' या 'सार्वदेशिक रोग' (pandemic) कहते हैं। जैसे- कोविड-१९

महामारी का मुख्य कारण जीवाणु (Bacteria) अथवा विषाणु (Virus) होते हैं। आमतौर पर, महामारी तब होती है जब किसी स्थापित रोगज़नक़ या नए उभरते हुए नए रोगज़नक़ के प्रति मेज़बान की प्रतिरक्षा अचानक स्थानिक संतुलन से कम हो जाती है और संचरण सीमा पार हो जाती है।[3]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Dicker, Richard C.; Coronado, Fátima; Koo, Denise; Parrish, R. Gibson (2012). सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवहार में महामारी विज्ञान के सिद्धांत; अनुप्रयुक्त महामारी विज्ञान और जैव सांख्यिकी का परिचय। तीसरा संस्करण. अटलांटा, जॉर्जिया: रोग के नियंत्रण और रोकथाम के लिए सेंटर.
  2. Green MS, Swartz T, Mayshar E, Lev B, Leventhal A, Slater PE, Shemer J (January 2002). "महामारी कब महामारी होती है?" (PDF). इज़राइल मेडिकल एसोसिएशन जर्नल. 4 (1): 3–6. पीएमआईडी 11802306.
  3. Callow PP, ed. (1998). "Epidemic". पारिस्थितिकी और पर्यावरण प्रबंधन का विश्वकोश. ऑक्सफ़ोर्ड: ब्लैकवेल साइंस लिमिटेड. p. 246. ISBN 0-86542-838-7.

बाहरी कड़ियाँ

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