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User talk:Raghuraj pratap singh Azamgarh

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रघुराज प्रताप सिंह स्वयंसेवक, सामाजिक कार्यकर्ता, श्रोता, वक्ता, अभ्यर्थी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश। संक्षिप्त परिचय:- रघुराज प्रताप सिंह का जन्म भगवान राम और कृष्ण की जन्म-भूमि उत्तर-प्रदेश में 24 जनवरी सन् 2000 को हुआ। पढ़ाई के दौरान ही रघुराज प्रताप सिंह का शिक्षा के साथ-साथ सनातन हिन्दू धर्म की ओर गहरा लगाव था। आपने समाजिक,राजनीति वर्ग से स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की तथा छात्र जीवन में विभिन्न राष्ट्रवादी आन्दोलनों से जुड़े रहे। संपर्क करें व्यक्तिगत परिचय नाम :- रघुराज प्रताप सिंह जन्म:- 24 जनवरी 2000, उत्तर-प्रदेश, भारत कार्यक्षेत्र:- समाजसेवा, अध्यन, कृषि व राजनीति। संपर्क:- स्थायी पता:- ग्राम- कम्हरिया, पोस्ट- कम्हरिया, जनपद- आजमगढ़। दूरभाष:- 9170360763 प्रारंभिक जीवन:- रघुराज प्रताप सिंह का जन्म 24 जनवरी 2000 को उत्तर-प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मेंहनगर तहसील के कम्हरिया गाँव में हुआ है। रघुराज प्रताप सिंह वैस राजपूत हैं। सार्वजनिक व सामाजिक जीवन:- रघुराज प्रताप सिंह एक स्वयंसेवक हैं। अक्टुबर 2020 में क्षत्रिय भारत महासभा के मेंहनगर विधान सभा से सचिव के रूप में मनोनीत हुए। परिवार के सदस्य:- रघुराज प्रताप सिंह के पिता का नाम श्री रणविजय सिंह और माता का नाम बिभा सिंह है। इनके पिता प्रमुख रूप से किसान हैं। रघुराज प्रताप सिंह कुल मिलाकर 3 भाई-बहन हैं। इनकी एक छोटी बहन और एक बड़े भाई है। धर्म व जाति:- रघुराज प्रताप सिंह का धर्म जीव जंतु से प्यार और सभी लोगों की सेवा करना है। वैसे इनकी जाति क्षत्रिय व धर्म हिन्दू है। शिक्षा:- 1- रघुराज प्रताप सिंह की शिक्षा-दीक्षा सन् 2004 में गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में शुरू हुई। 2- सन् 2015 में आजमगढ़ के माता राधिका देवी इंटर कालेज कम्हरिया से उन्होंने 10वीं की परीक्षा पास की। 3- सन् 2017 में आजमगढ़ के माता राधिका देवी इंटर कॉलेज कम्हरिया से उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 4- सन् 2017 में आजमगढ़ के आजाद पालिटेक्निक भरर्थीपुर (पल्हना) से मैकेनिकल प्रोडक्शन से (डिप्लोमा) की परीक्षा पास की और साथ में अखिल भारतीय क्षत्रिय भारत महासभा से जु़ड़ गये। 5- सन् 2021 में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर में उन्होंने समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र से बी.ए (B.A) में प्रवेश कर ली। और साथ में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़ गए। जीवन घटनाक्रम (टाइम लाइन):- ➣ रघुराज प्रताप सिंह पढ़ाई के दौरान राम जन्मभूमि (अयोध्या) भी घुमने जाया करते थे। ➣ रघुराज प्रताप सिंह अपने प्रेम- स्वभाव के कारण विश्व हिंदू परिषद संगठन के कई पदाधिकारियों व अनेको साधु- महात्मा से भली भाँती परिचय बना ली और इनको सबका आशीर्वाद मिलता रहा। ➣ रघुराज प्रताप सिंह कहते है कि उनके लिए यह बड़े ही सौभाग्य की बात है कि सन् 2021 में प्रभु श्री रामचन्द्र जी के आशीर्वाद से पहली बार अयोध्या में लगभग एक माह तक रहा दिपावली मनायी और 14 कोसी व पंचकोसी परिक्रमा पूर्ण कि। सुविचार ‘मैं यूरोप, एशिया और मध्य पूर्व के अन्य देशों में गया, लेकिन उनमें से किसी ने भी इतनी विविधता, अनुभव और याद नहीं दी जितना, उत्तरी भारत में इस अकेले राज्य के रूप में है। आप आस्ट्रेलिया के एक छोर से दूसरे छोर तक घूम लीजिए किंतु इतने बड़े महाद्वीप पर आपको हर जगह वही पोशाक, वही भोजन और वही संगीत सुनने को मिलेगा। यह बेरंग एकरूपता आपको चाहे वह पूर्व हो या पश्चिम दुनिया के सभी देशों में मिलेगी। किंतु उत्तर प्रदेश अपने आप में एक विश्व है।’ – रस्किन बांड। भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है। हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है, पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं। पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं। कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है। यह चन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है, यह तर्पण की भूमि है, राजनीतिशास्त्र है। इसका कंकर-कंकर शंकर है, इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है। हम जियेंगे तो इसके लिये, मरेंगे तो इसके लिये। – अटल बिहारी बाजपेयी।।